Getting My Shiv chaisa To Work
Getting My Shiv chaisa To Work
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
अर्थ: हे शिव शंकर भोलेनाथ आपने ही त्रिपुरासुर (तरकासुर के तीन पुत्रों ने ब्रह्मा की भक्ति कर उनसे तीन अभेद्य पुर मांगे जिस कारण उन्हें त्रिपुरासुर कहा गया। शर्त के अनुसार भगवान शिव ने अभिजित नक्षत्र में असंभव रथ पर सवार होकर असंभव बाण चलाकर उनका संहार किया था) के साथ युद्ध कर उनका संहार किया व सब पर अपनी कृपा की। हे भगवन भागीरथ के तप से प्रसन्न हो कर उनके पूर्वजों की आत्मा को शांति दिलाने की उनकी Shiv chaisa प्रतिज्ञा को आपने पूरा किया।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
प्रगट उदधि shiv chalisa in hindi मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
O Wonderful Lord, consort of Parvati You are most merciful. You mostly bless the very poor and pious devotees. Your beautiful shiv chalisa in hindi type is adorned Along with the moon on your forehead and on the ears are earrings of snakes’ Hood.
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥